आध्यात्मिक शिखर पुरुष राष्ट्र गौरव आचार्य श्री 108 वर्धमान सागर जी महाराज के आदर्श एवं
चतुर्थकालीन मुनिचर्या पर आधारित आध्यात्मिक दिशा दर्शन को समाहित किए हुए एक भव्य पुस्तक
जयपुर। चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री 108 शान्तिसागर जी महाराज की अक्षुण्ण परम्परा के ध्वजवाहक पंचम पट्टाधीश आचार्य श्री वर्धमान सागर जी के महान् जीवन चरित्र पर केन्द्रित भव्य चित्रों को संजोते हुए धार्मिक ग्रन्थ का प्रकाशन करने का निर्णय यहाँ लोकप्रिय हिंदी समाचार पत्र "गठजोड़ प्रकाशन" ने लिया है।
सोशल मीडिया के क्षेत्र में कार्यक्रमों के प्रसारण में अभूतपूर्व नेटवर्क हासिल कर चुके "गठजोड़ परिवार" द्वारा यह प्रकाशन किया जावेगा। राजस्थान राज्य अधिकारी कर्मचारी संयुक्त महासंघ एवं राज्य कर्मचारी संघ (युवा) का नेतृत्व करते हुए "जल ही जीवन है - जल बचाओ महाअभियान", "शुद्ध जल, शुद्ध पर्यावरण एवं सुरक्षित वातावरण हो पहला मानवाधिकार" "मतदाता जागरूकता अभियान" जैसे अन्य कई लोकप्रिय अभियानों के सफल नेतृत्वकर्ता संचालक रह चुके ज्योतिर्विद् महावीर कुमार सोनी जो "सरकारी तंत्र" पत्रिका के प्रकाशक एवं प्रधान संपादक भी हैं, इसके प्रकाशन की कमान संभालेंगे। इस प्रकाशन का एक मुख्य उद्देश्य यह भी होगा कि पंचम काल जैसी विषम परिस्थितियों में आज भी चतुर्थ काल जैसी मुनि चर्या का पालन करना सम्भव है, जिसका सही एवं साक्षात दर्शन किया जा सकता है परम पूज्य आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज ससंघ के दर्शन लाभ करके, जिनको कलयुग के महावीर कहें तो भी अतिश्योक्ति नहीं होगी, जो कि इस परम मुनि धर्म को आगम निर्देशित रूप में ही आगे बढ़ाने के सर्वत्र प्रेरणा स्त्रोत बने हुए हैं।
इस प्रकाशन को अति भव्य बनाने के लिए सभी लोगों से, प्रमुख रूप से आचार्य श्री को नजदीकी से जानने वाले विद्वान लोगों, संतों, धार्मिक संस्थाओं आदि से लेख, संस्मरण, सन्देश, चित्र आदि प्रकाशनार्थ आमन्त्रित किए जावेंगे।
उल्लेखनीय है कि इस पुस्तक के संपादक ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुविद् महावीर कुमार सोनी प्रथम पट्टाचार्य आचार्य श्री 108 वीर सागर जी महाराज की प्रथम दीक्षित आर्यिका 105 श्री वीरमती माताजी के गृहस्थ अवस्था के भतीजे हैं, बचपन में माताजी के द्वारा धार्मिक संस्कारों को दृढ़ किए हुए धर्म परायण व्यक्ति हैं, गणिनी आर्यिका श्री 105 सुपार्श्वमती माताजी के मंगल आशीर्वाद से उनके मंगल सानिध्य में ज्योतिष शिरोमणि के रूप में सम्मानित ज्योतिष शास्त्र के धनी लोकप्रिय ज्योतिर्विद् भी हैं।
विद्वजनों से निवेदन
विद्वजनों से विनम्र अनुरोध है कि कृपया उक्त सन्दर्भ में पूज्य आचार्य भगवन श्री 108 वर्धमान सागर जी महाराज पर अपने आलेख, संस्मरण, सन्देश, फोटोज, अमूल्य सुझाव आदि निम्न पते पते पर या हमारी नीचे अंकित ई-मेल आई.डी. पर भिजवाने की कृपा करें।
gathjodnews@gmail.com
mahavirkrsoni@gmail.com
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